शतकत्रयम् — 3.98
Original
Segmented
ब्रह्माण्डम् मण्डली-मात्रम् किम् लोभाय मनस्विनः शफरी-स्फूर्तेन अब्धि क्षुब्धो न खलु जायते
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| ब्रह्माण्डम् | ब्रह्माण्ड | pos=n,g=n,c=1,n=s |
| मण्डली | मण्डल | pos=n,comp=y |
| मात्रम् | मात्र | pos=n,g=n,c=1,n=s |
| किम् | क | pos=n,g=n,c=1,n=s |
| लोभाय | लोभ | pos=n,g=m,c=4,n=s |
| मनस्विनः | मनस्विन् | pos=a,g=m,c=6,n=s |
| शफरी | शफरी | pos=n,comp=y |
| स्फूर्तेन | स्फूर्त | pos=a,g=m,c=3,n=s |
| अब्धि | अब्धि | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| क्षुब्धो | क्षुभ् | pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part |
| न | न | pos=i |
| खलु | खलु | pos=i |
| जायते | जन् | pos=v,p=3,n=s,l=lat |