सौन्दरनन्दम् — 5.9
Original
Segmented
तत् साधु साधु-प्रिय मद्-प्रिय-अर्थम् तत्र अस्तु भिक्षु-उत्तम भैक्ष-कालः असौ हि मध्यम् नभसो यियासुः कालम् प्रतिस्मारयति इव सूर्यः
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
तत् | तद् | pos=n,g=n,c=1,n=s |
साधु | साधु | pos=a,g=n,c=1,n=s |
साधु | साधु | pos=a,comp=y |
प्रिय | प्रिय | pos=a,g=m,c=8,n=s |
मद् | मद् | pos=n,comp=y |
प्रिय | प्रिय | pos=a,comp=y |
अर्थम् | अर्थ | pos=n,g=m,c=2,n=s |
तत्र | तत्र | pos=i |
अस्तु | अस् | pos=v,p=3,n=s,l=lot |
भिक्षु | भिक्षु | pos=n,comp=y |
उत्तम | उत्तम | pos=a,g=m,c=8,n=s |
भैक्ष | भैक्ष | pos=n,comp=y |
कालः | काल | pos=n,g=m,c=1,n=s |
असौ | अदस् | pos=n,g=m,c=1,n=s |
हि | हि | pos=i |
मध्यम् | मध्य | pos=n,g=n,c=2,n=s |
नभसो | नभस् | pos=n,g=n,c=6,n=s |
यियासुः | यियासु | pos=a,g=m,c=1,n=s |
कालम् | काल | pos=n,g=m,c=2,n=s |
प्रतिस्मारयति | प्रतिस्मारय् | pos=v,p=3,n=s,l=lat |
इव | इव | pos=i |
सूर्यः | सूर्य | pos=n,g=m,c=1,n=s |