Original

तत् सौम्य लोलं परिगम्य लोकं मायोपमं चित्रम् इवेन्द्रजालम् ।प्रियाभिधान्तं तय्ज मोहजालं छेत्तुं मतिस् ते यदि दुःखजालम् ॥ ४५ ॥

Segmented

तत् सौम्य लोलम् परिगम्य लोकम् माया-उपमम् चित्रम् इव इन्द्रजालम् प्रिय-अभिधानम् त्यज मोह-जालम् छेत्तुम् मतिः ते यदि दुःख-जालम्

Analysis

Word Lemma Parse
तत् तद् pos=n,g=n,c=2,n=s
सौम्य सौम्य pos=a,g=m,c=8,n=s
लोलम् लोल pos=a,g=m,c=2,n=s
परिगम्य परिगम् pos=vi
लोकम् लोक pos=n,g=m,c=2,n=s
माया माया pos=n,comp=y
उपमम् उपम pos=a,g=m,c=2,n=s
चित्रम् चित्र pos=n,g=n,c=2,n=s
इव इव pos=i
इन्द्रजालम् इन्द्रजाल pos=n,g=n,c=2,n=s
प्रिय प्रिय pos=a,comp=y
अभिधानम् अभिधान pos=n,g=n,c=2,n=s
त्यज त्यज् pos=v,p=2,n=s,l=lot
मोह मोह pos=n,comp=y
जालम् जाल pos=n,g=n,c=2,n=s
छेत्तुम् छिद् pos=vi
मतिः मति pos=n,g=f,c=1,n=s
ते त्वद् pos=n,g=,c=6,n=s
यदि यदि pos=i
दुःख दुःख pos=n,comp=y
जालम् जाल pos=n,g=n,c=2,n=s