सौन्दरनन्दम् — 5.40
Original
Segmented
संसार-कान्तार-परायणस्य शिवे कथम् ते पथि न आरुरुक्षा आरोप्यमाणस्य तम् एव मार्गम् भ्रष्टस्य सार्थात् इव सार्थिकस्य
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
संसार | संसार | pos=n,comp=y |
कान्तार | कान्तार | pos=n,comp=y |
परायणस्य | परायण | pos=n,g=m,c=6,n=s |
शिवे | शिव | pos=a,g=m,c=7,n=s |
कथम् | कथम् | pos=i |
ते | त्वद् | pos=n,g=,c=6,n=s |
पथि | पथिन् | pos=n,g=m,c=7,n=s |
न | न | pos=i |
आरुरुक्षा | आरुरुक्षा | pos=n,g=f,c=1,n=s |
आरोप्यमाणस्य | आरोपय् | pos=va,g=m,c=6,n=s,f=part |
तम् | तद् | pos=n,g=m,c=2,n=s |
एव | एव | pos=i |
मार्गम् | मार्ग | pos=n,g=m,c=2,n=s |
भ्रष्टस्य | भ्रंश् | pos=va,g=m,c=6,n=s,f=part |
सार्थात् | सार्थ | pos=n,g=m,c=5,n=s |
इव | इव | pos=i |
सार्थिकस्य | सार्थिक | pos=n,g=m,c=6,n=s |