रामायणम् — 7.75.13
Original
Segmented
यदि असौ तप आतिष्ठेद् भूय एव सुरेश्वर यावत् लोकाः धरिष्यन्ति तावद् अस्य वश-अनुगाः
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| यदि | यदि | pos=i |
| असौ | अदस् | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| तप | तपस् | pos=n,g=n,c=2,n=s |
| आतिष्ठेद् | आस्था | pos=v,p=3,n=s,l=vidhilin |
| भूय | भूयस् | pos=i |
| एव | एव | pos=i |
| सुरेश्वर | सुरेश्वर | pos=n,g=m,c=8,n=s |
| यावत् | यावत् | pos=i |
| लोकाः | लोक | pos=n,g=m,c=1,n=p |
| धरिष्यन्ति | धृ | pos=v,p=3,n=p,l=lrt |
| तावद् | तावत् | pos=i |
| अस्य | इदम् | pos=n,g=m,c=6,n=s |
| वश | वश | pos=n,comp=y |
| अनुगाः | अनुग | pos=a,g=m,c=1,n=p |