रामायणम् — 7.67.13
Original
Segmented
दत्तस्य हि पुनः दानम् सु महत् फलम् उच्यते तस्मात् प्रदास्ये विधिवत् तत् प्रतीच्छ नर-ऋषभ
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
दत्तस्य | दा | pos=va,g=n,c=6,n=s,f=part |
हि | हि | pos=i |
पुनः | पुनर् | pos=i |
दानम् | दान | pos=n,g=n,c=1,n=s |
सु | सु | pos=i |
महत् | महत् | pos=a,g=n,c=1,n=s |
फलम् | फल | pos=n,g=n,c=1,n=s |
उच्यते | वच् | pos=v,p=3,n=s,l=lat |
तस्मात् | तस्मात् | pos=i |
प्रदास्ये | प्रदा | pos=v,p=1,n=s,l=lrt |
विधिवत् | विधिवत् | pos=i |
तत् | तद् | pos=n,g=n,c=2,n=s |
प्रतीच्छ | प्रतीष् | pos=v,p=2,n=s,l=lot |
नर | नर | pos=n,comp=y |
ऋषभ | ऋषभ | pos=n,g=m,c=8,n=s |