Original

एवं ब्रुवाणां रम्भां तां धर्मार्थसहितं वचः ।निर्भर्त्स्य राक्षसो मोहात्प्रतिगृह्य बलाद्बली ।काममोहाभिसंरब्धो मैथुनायोपचक्रमे ॥ ३० ॥

Segmented

एवम् ब्रुवाणाम् रम्भाम् ताम् धर्म-अर्थ-सहितम् वचः निर्भर्त्स्य राक्षसो मोहात् प्रतिगृह्य बलाद् बली काम-मोह-अभिसंरब्धः मैथुनाय उपचक्रमे

Analysis

Word Lemma Parse
एवम् एवम् pos=i
ब्रुवाणाम् ब्रू pos=va,g=f,c=2,n=s,f=part
रम्भाम् रम्भा pos=n,g=f,c=2,n=s
ताम् तद् pos=n,g=f,c=2,n=s
धर्म धर्म pos=n,comp=y
अर्थ अर्थ pos=n,comp=y
सहितम् सहित pos=a,g=n,c=2,n=s
वचः वचस् pos=n,g=n,c=2,n=s
निर्भर्त्स्य निर्भर्त्सय् pos=vi
राक्षसो राक्षस pos=n,g=m,c=1,n=s
मोहात् मोह pos=n,g=m,c=5,n=s
प्रतिगृह्य प्रतिग्रह् pos=vi
बलाद् बल pos=n,g=n,c=5,n=s
बली बलिन् pos=a,g=m,c=1,n=s
काम काम pos=n,comp=y
मोह मोह pos=n,comp=y
अभिसंरब्धः अभिसंरभ् pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part
मैथुनाय मैथुन pos=n,g=n,c=4,n=s
उपचक्रमे उपक्रम् pos=v,p=3,n=s,l=lit