रामायणम् — 7.14.6
Original
Segmented
ततो बलस्य संक्षोभः सागरस्य इव वर्धतः अभूत् नैरृत-राजस्य गिरिम् संचालयन्न् इव
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| ततो | ततस् | pos=i |
| बलस्य | बल | pos=n,g=m,c=6,n=s |
| संक्षोभः | संक्षोभ | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| सागरस्य | सागर | pos=n,g=m,c=6,n=s |
| इव | इव | pos=i |
| वर्धतः | वृध् | pos=va,g=m,c=6,n=s,f=part |
| अभूत् | भू | pos=v,p=3,n=s,l=lun |
| नैरृत | नैरृत | pos=n,comp=y |
| राजस्य | राज | pos=n,g=m,c=6,n=s |
| गिरिम् | गिरि | pos=n,g=m,c=2,n=s |
| संचालयन्न् | संचालय् | pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part |
| इव | इव | pos=i |