Original

मुष्टिप्रहाराभिहतं तच्छैलाग्रं व्यशीर्यत ।सविस्फुलिङ्गं सज्वालं निपपात महीतले ॥ १६ ॥

Segmented

मुष्टि-प्रहार-अभिहतम् तत् शैल-अग्रम् व्यशीर्यत स विस्फुलिङ्गम् स ज्वालम् निपपात मही-तले

Analysis

Word Lemma Parse
मुष्टि मुष्टि pos=n,comp=y
प्रहार प्रहार pos=n,comp=y
अभिहतम् अभिहन् pos=va,g=n,c=1,n=s,f=part
तत् तद् pos=n,g=n,c=1,n=s
शैल शैल pos=n,comp=y
अग्रम् अग्र pos=n,g=n,c=1,n=s
व्यशीर्यत विशृ pos=v,p=3,n=s,l=lan
pos=i
विस्फुलिङ्गम् विस्फुलिङ्ग pos=n,g=n,c=1,n=s
pos=i
ज्वालम् ज्वाल pos=n,g=n,c=1,n=s
निपपात निपत् pos=v,p=3,n=s,l=lit
मही मही pos=n,comp=y
तले तल pos=n,g=m,c=7,n=s