रामायणम् — 6.35.11
Original
Segmented
युध्यमानम् अनालक्ष्यम् शक्रो ऽपि त्रिदश-ईश्वरः द्रष्टुम् आसादितुम् वा अपि न शक्तः किम् पुनः युवाम्
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| युध्यमानम् | युध् | pos=va,g=m,c=2,n=s,f=part |
| अनालक्ष्यम् | अनालक्ष्य | pos=a,g=m,c=2,n=s |
| शक्रो | शक्र | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| ऽपि | अपि | pos=i |
| त्रिदश | त्रिदश | pos=n,comp=y |
| ईश्वरः | ईश्वर | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| द्रष्टुम् | दृश् | pos=vi |
| आसादितुम् | आसादय् | pos=vi |
| वा | वा | pos=i |
| अपि | अपि | pos=i |
| न | न | pos=i |
| शक्तः | शक् | pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part |
| किम् | किम् | pos=i |
| पुनः | पुनर् | pos=i |
| युवाम् | त्वद् | pos=n,g=,c=1,n=d |