रामायणम् — 6.31.68
Original
Segmented
हन्तास्मि त्वाम् सहामात्यम् स पुत्र-ज्ञाति-बान्धवम् निरुद्विग्नाः त्रयः लोका भविष्यन्ति हते त्वयि
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
हन्तास्मि | हन् | pos=v,p=1,n=s,l=lrt |
त्वाम् | त्वद् | pos=n,g=,c=2,n=s |
सहामात्यम् | सहामात्य | pos=a,g=m,c=2,n=s |
स | स | pos=i |
पुत्र | पुत्र | pos=n,comp=y |
ज्ञाति | ज्ञाति | pos=n,comp=y |
बान्धवम् | बान्धव | pos=n,g=m,c=2,n=s |
निरुद्विग्नाः | निरुद्विग्न | pos=a,g=m,c=1,n=p |
त्रयः | त्रि | pos=n,g=m,c=1,n=p |
लोका | लोक | pos=n,g=m,c=1,n=p |
भविष्यन्ति | भू | pos=v,p=3,n=p,l=lrt |
हते | हन् | pos=va,g=m,c=7,n=s,f=part |
त्वयि | त्वद् | pos=n,g=,c=7,n=s |