रामायणम् — 6.23.21
Original
Segmented
संश्रुतम् गृह्णता पाणिम् चरिष्यामि इति यत् त्वया स्मर तत् मे काकुत्स्थ नय माम् अपि दुःखिताम्
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| संश्रुतम् | संश्रु | pos=va,g=m,c=2,n=s,f=part |
| गृह्णता | ग्रह् | pos=va,g=m,c=3,n=s,f=part |
| पाणिम् | पाणि | pos=n,g=m,c=2,n=s |
| चरिष्यामि | चर् | pos=v,p=1,n=s,l=lrt |
| इति | इति | pos=i |
| यत् | यत् | pos=i |
| त्वया | त्वद् | pos=n,g=,c=3,n=s |
| स्मर | स्मृ | pos=v,p=2,n=s,l=lot |
| तत् | तद् | pos=n,g=n,c=2,n=s |
| मे | मद् | pos=n,g=,c=6,n=s |
| काकुत्स्थ | काकुत्स्थ | pos=n,g=m,c=8,n=s |
| नय | नी | pos=v,p=2,n=s,l=lot |
| माम् | मद् | pos=n,g=,c=2,n=s |
| अपि | अपि | pos=i |
| दुःखिताम् | दुःखित | pos=a,g=f,c=2,n=s |