रामायणम् — 6.23.10
Original
Segmented
दुःखाद् दुःखम् प्रपन्नाया मग्नायाः शोक-सागरे यो हि माम् उद्यतः त्रा सो ऽपि त्वम् विनिपातितः
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| दुःखाद् | दुःख | pos=n,g=n,c=5,n=s |
| दुःखम् | दुःख | pos=n,g=n,c=2,n=s |
| प्रपन्नाया | प्रपद् | pos=va,g=f,c=6,n=s,f=part |
| मग्नायाः | मज्ज् | pos=va,g=f,c=6,n=s,f=part |
| शोक | शोक | pos=n,comp=y |
| सागरे | सागर | pos=n,g=m,c=7,n=s |
| यो | यद् | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| हि | हि | pos=i |
| माम् | मद् | pos=n,g=,c=2,n=s |
| उद्यतः | उद्यम् | pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part |
| त्रा | त्रा | pos=vi |
| सो | तद् | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| ऽपि | अपि | pos=i |
| त्वम् | त्वद् | pos=n,g=,c=1,n=s |
| विनिपातितः | विनिपातय् | pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part |