रामायणम् — 6.101.11
Original
Segmented
तद् आश्वसिहि विश्वस्ता स्व-गृहे परिवर्तसे अयम् च अभ्येति संहृष्टः त्वद्-दर्शन-समुत्सुकः
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
तद् | तद् | pos=n,g=n,c=2,n=s |
आश्वसिहि | आश्वस् | pos=v,p=2,n=s,l=lot |
विश्वस्ता | विश्वस् | pos=va,g=f,c=1,n=s,f=part |
स्व | स्व | pos=a,comp=y |
गृहे | गृह | pos=n,g=m,c=7,n=s |
परिवर्तसे | परिवृत् | pos=v,p=2,n=s,l=lat |
अयम् | इदम् | pos=n,g=m,c=1,n=s |
च | च | pos=i |
अभ्येति | अभी | pos=v,p=3,n=s,l=lat |
संहृष्टः | संहृष् | pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part |
त्वद् | त्वद् | pos=n,comp=y |
दर्शन | दर्शन | pos=n,comp=y |
समुत्सुकः | समुत्सुक | pos=a,g=m,c=1,n=s |