रामायणम् — 5.32.38
Original
Segmented
कृत्वा मूर्ध्नि पदन्यासम् रावणस्य दुरात्मनः त्वाम् द्रष्टुम् उपयातो ऽहम् समाश्रित्य पराक्रमम्
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
कृत्वा | कृ | pos=vi |
मूर्ध्नि | मूर्धन् | pos=n,g=m,c=7,n=s |
पदन्यासम् | पदन्यास | pos=n,g=m,c=2,n=s |
रावणस्य | रावण | pos=n,g=m,c=6,n=s |
दुरात्मनः | दुरात्मन् | pos=a,g=m,c=6,n=s |
त्वाम् | त्वद् | pos=n,g=,c=2,n=s |
द्रष्टुम् | दृश् | pos=vi |
उपयातो | उपया | pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part |
ऽहम् | मद् | pos=n,g=,c=1,n=s |
समाश्रित्य | समाश्रि | pos=vi |
पराक्रमम् | पराक्रम | pos=n,g=m,c=2,n=s |