रामायणम् — 5.1.186
Original
Segmented
काय-वृद्धिम् प्रवेगम् च मम दृष्ट्वा एव राक्षसाः मयि कौतूहलम् कुर्युः इति मेने महा-कपिः
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| काय | काय | pos=n,comp=y |
| वृद्धिम् | वृद्धि | pos=n,g=f,c=2,n=s |
| प्रवेगम् | प्रवेग | pos=n,g=m,c=2,n=s |
| च | च | pos=i |
| मम | मद् | pos=n,g=,c=6,n=s |
| दृष्ट्वा | दृश् | pos=vi |
| एव | एव | pos=i |
| राक्षसाः | राक्षस | pos=n,g=m,c=1,n=p |
| मयि | मद् | pos=n,g=,c=7,n=s |
| कौतूहलम् | कौतूहल | pos=n,g=n,c=2,n=s |
| कुर्युः | कृ | pos=v,p=3,n=p,l=vidhilin |
| इति | इति | pos=i |
| मेने | मन् | pos=v,p=3,n=s,l=lit |
| महा | महत् | pos=a,comp=y |
| कपिः | कपि | pos=n,g=m,c=1,n=s |