रामायणम् — 4.63.21
Original
Segmented
अङ्गदस्य वचः श्रुत्वा न कश्चित् किंचिद् अब्रवीत् स्तिमिता इव अभवत् सर्वा सा तत्र हरि-वाहिनी
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
अङ्गदस्य | अङ्गद | pos=n,g=m,c=6,n=s |
वचः | वचस् | pos=n,g=n,c=2,n=s |
श्रुत्वा | श्रु | pos=vi |
न | न | pos=i |
कश्चित् | कश्चित् | pos=n,g=m,c=1,n=s |
किंचिद् | कश्चित् | pos=n,g=n,c=2,n=s |
अब्रवीत् | ब्रू | pos=v,p=3,n=s,l=lan |
स्तिमिता | स्तिमित | pos=a,g=f,c=1,n=s |
इव | इव | pos=i |
अभवत् | भू | pos=v,p=3,n=s,l=lan |
सर्वा | सर्व | pos=n,g=f,c=1,n=s |
सा | तद् | pos=n,g=f,c=1,n=s |
तत्र | तत्र | pos=i |
हरि | हरि | pos=n,comp=y |
वाहिनी | वाहिनी | pos=n,g=f,c=1,n=s |