रामायणम् — 4.40.35
Original
Segmented
तत्र योजन-विस्तारम् उच्छ्रितम् दश-योजनम् शरणम् काञ्चनम् दिव्यम् नाना रत्न-विभूषितम्
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| तत्र | तत्र | pos=i |
| योजन | योजन | pos=n,comp=y |
| विस्तारम् | विस्तार | pos=n,g=n,c=1,n=s |
| उच्छ्रितम् | उच्छ्रि | pos=va,g=n,c=1,n=s,f=part |
| दश | दशन् | pos=n,comp=y |
| योजनम् | योजन | pos=n,g=n,c=1,n=s |
| शरणम् | शरण | pos=n,g=n,c=1,n=s |
| काञ्चनम् | काञ्चन | pos=a,g=n,c=1,n=s |
| दिव्यम् | दिव्य | pos=a,g=n,c=1,n=s |
| नाना | नाना | pos=i |
| रत्न | रत्न | pos=n,comp=y |
| विभूषितम् | विभूषय् | pos=va,g=n,c=1,n=s,f=part |