रामायणम् — 4.23.16
Original
Segmented
शरेण हृदि लग्नेन गात्र-संस्पर्शने तव त्वाम् निरीक्षन्ती त्वयि पञ्चत्वम् आगते
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| शरेण | शर | pos=n,g=m,c=3,n=s |
| हृदि | हृद् | pos=n,g=n,c=7,n=s |
| लग्नेन | लग् | pos=va,g=m,c=3,n=s,f=part |
| गात्र | गात्र | pos=n,comp=y |
| संस्पर्शने | संस्पर्शन | pos=n,g=n,c=7,n=s |
| तव | त्वद् | pos=n,g=,c=6,n=s |
| त्वाम् | त्वद् | pos=n,g=,c=2,n=s |
| निरीक्षन्ती | निरीक्ष् | pos=va,g=f,c=1,n=s,f=part |
| त्वयि | त्वद् | pos=n,g=,c=7,n=s |
| पञ्चत्वम् | पञ्चत्व | pos=n,g=n,c=2,n=s |
| आगते | आगम् | pos=va,g=m,c=7,n=s,f=part |