रामायणम् — 4.23.13
Original
Segmented
स्व-गात्र-प्रभवे वीर शेषे रुधिर-मण्डले कृमिराग-परिस्तोमे त्वम् एवम् शयने यथा
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
स्व | स्व | pos=a,comp=y |
गात्र | गात्र | pos=n,comp=y |
प्रभवे | प्रभव | pos=n,g=m,c=7,n=s |
वीर | वीर | pos=n,g=m,c=8,n=s |
शेषे | शी | pos=v,p=2,n=s,l=lat |
रुधिर | रुधिर | pos=n,comp=y |
मण्डले | मण्डल | pos=n,g=n,c=7,n=s |
कृमिराग | कृमिराग | pos=a,comp=y |
परिस्तोमे | परिस्तोम | pos=n,g=n,c=7,n=s |
त्वम् | त्वद् | pos=n,g=,c=1,n=s |
एवम् | एवम् | pos=i |
शयने | शयन | pos=n,g=n,c=7,n=s |
यथा | यथा | pos=i |