रामायणम् — 3.67.22
Original
Segmented
काष्ठान्य् आनीय शुष्काणि काले भग्नानि कुञ्जरैः भक्ष्यामस् त्वाम् वयम् वीर श्वभ्रे महति कल्पिते
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| काष्ठान्य् | काष्ठ | pos=n,g=n,c=2,n=p |
| आनीय | आनी | pos=vi |
| शुष्काणि | शुष्क | pos=a,g=n,c=2,n=p |
| काले | काल | pos=n,g=m,c=7,n=s |
| भग्नानि | भञ्ज् | pos=va,g=n,c=2,n=p,f=part |
| कुञ्जरैः | कुञ्जर | pos=n,g=m,c=3,n=p |
| भक्ष्यामस् | भज् | pos=v,p=1,n=p,l=lrt |
| त्वाम् | त्वद् | pos=n,g=,c=2,n=s |
| वयम् | मद् | pos=n,g=,c=1,n=p |
| वीर | वीर | pos=n,g=m,c=8,n=s |
| श्वभ्रे | श्वभ्र | pos=n,g=m,c=7,n=s |
| महति | महत् | pos=a,g=m,c=7,n=s |
| कल्पिते | कल्पय् | pos=va,g=m,c=7,n=s,f=part |