रामायणम् — 3.51.12
Original
Segmented
साधु कृत्वा आत्मनः पथ्यम् साधु माम् मुञ्च रावण मद्-प्रधर्षण-रुषितः हि भ्रात्रा सह पतिः मम विधास्यति विनाशाय त्वम् माम् यदि न मुञ्चसि
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| साधु | साधु | pos=a,g=n,c=2,n=s |
| कृत्वा | कृ | pos=vi |
| आत्मनः | आत्मन् | pos=n,g=m,c=6,n=s |
| पथ्यम् | पथ्य | pos=a,g=n,c=2,n=s |
| साधु | साधु | pos=a,g=n,c=2,n=s |
| माम् | मद् | pos=n,g=,c=2,n=s |
| मुञ्च | मुच् | pos=v,p=2,n=s,l=lot |
| रावण | रावण | pos=n,g=m,c=8,n=s |
| मद् | मद् | pos=n,comp=y |
| प्रधर्षण | प्रधर्षण | pos=n,comp=y |
| रुषितः | रुष् | pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part |
| हि | हि | pos=i |
| भ्रात्रा | भ्रातृ | pos=n,g=m,c=3,n=s |
| सह | सह | pos=i |
| पतिः | पति | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| मम | मद् | pos=n,g=,c=6,n=s |
| विधास्यति | विधा | pos=v,p=3,n=s,l=lrt |
| विनाशाय | विनाश | pos=n,g=m,c=4,n=s |
| त्वम् | त्वद् | pos=n,g=,c=1,n=s |
| माम् | मद् | pos=n,g=,c=2,n=s |
| यदि | यदि | pos=i |
| न | न | pos=i |
| मुञ्चसि | मुच् | pos=v,p=2,n=s,l=lat |