रामायणम् — 3.40.27
Original
Segmented
प्रच्छादन-अर्थम् भावस्य न भक्षयति संस्पृशन् तस्मिन्न् एव ततः काले वैदेही शुभ-लोचना
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| प्रच्छादन | प्रच्छादन | pos=n,comp=y |
| अर्थम् | अर्थ | pos=n,g=m,c=2,n=s |
| भावस्य | भाव | pos=n,g=m,c=6,n=s |
| न | न | pos=i |
| भक्षयति | भक्षय् | pos=v,p=3,n=s,l=lat |
| संस्पृशन् | संस्पृश् | pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part |
| तस्मिन्न् | तद् | pos=n,g=m,c=7,n=s |
| एव | एव | pos=i |
| ततः | ततस् | pos=i |
| काले | काल | pos=n,g=m,c=7,n=s |
| वैदेही | वैदेही | pos=n,g=f,c=1,n=s |
| शुभ | शुभ | pos=a,comp=y |
| लोचना | लोचन | pos=n,g=f,c=1,n=s |