रामायणम् — 3.40.16
Original
Segmented
मनोहर-स्निग्ध-वर्णः रत्नैः नानाविधैः वृतः क्षणेन राक्षसो जातो मृगः परम-शोभनः
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| मनोहर | मनोहर | pos=a,comp=y |
| स्निग्ध | स्निग्ध | pos=a,comp=y |
| वर्णः | वर्ण | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| रत्नैः | रत्न | pos=n,g=n,c=3,n=p |
| नानाविधैः | नानाविध | pos=a,g=n,c=3,n=p |
| वृतः | वृ | pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part |
| क्षणेन | क्षण | pos=n,g=m,c=3,n=s |
| राक्षसो | राक्षस | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| जातो | जन् | pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part |
| मृगः | मृग | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| परम | परम | pos=a,comp=y |
| शोभनः | शोभन | pos=a,g=m,c=1,n=s |