रामायणम् — 3.32.16
Original
Segmented
यस्य सीता भवेद् भार्या यम् च हृष्टा परिष्वजेत् अतिजीवेत् स सर्वेषु लोकेष्व् अपि पुरंदरात्
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
यस्य | यद् | pos=n,g=m,c=6,n=s |
सीता | सीता | pos=n,g=f,c=1,n=s |
भवेद् | भू | pos=v,p=3,n=s,l=vidhilin |
भार्या | भार्या | pos=n,g=f,c=1,n=s |
यम् | यद् | pos=n,g=m,c=2,n=s |
च | च | pos=i |
हृष्टा | हृष् | pos=va,g=f,c=1,n=s,f=part |
परिष्वजेत् | परिष्वज् | pos=v,p=3,n=s,l=vidhilin |
अतिजीवेत् | अतिजीव् | pos=v,p=3,n=s,l=vidhilin |
स | तद् | pos=n,g=m,c=1,n=s |
सर्वेषु | सर्व | pos=n,g=m,c=7,n=p |
लोकेष्व् | लोक | pos=n,g=m,c=7,n=p |
अपि | अपि | pos=i |
पुरंदरात् | पुरंदर | pos=n,g=m,c=5,n=s |