रामायणम् — 3.2.7
Original
Segmented
त्रीन् सिंहांः चतुरो व्याघ्रान् द्वौ वृकौ पृषतान् दश स विषाणम् वसा-दिग्धम् गजस्य च शिरो महत्
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| त्रीन् | त्रि | pos=n,g=m,c=2,n=p |
| सिंहांः | सिंह | pos=n,g=m,c=2,n=p |
| चतुरो | चतुर् | pos=n,g=m,c=2,n=p |
| व्याघ्रान् | व्याघ्र | pos=n,g=m,c=2,n=p |
| द्वौ | द्वि | pos=n,g=m,c=2,n=d |
| वृकौ | वृक | pos=n,g=m,c=2,n=d |
| पृषतान् | पृषत | pos=n,g=m,c=2,n=p |
| दश | दशन् | pos=n,g=n,c=2,n=s |
| स | स | pos=i |
| विषाणम् | विषाण | pos=n,g=n,c=2,n=s |
| वसा | वसा | pos=n,comp=y |
| दिग्धम् | दिह् | pos=va,g=n,c=2,n=s,f=part |
| गजस्य | गज | pos=n,g=m,c=6,n=s |
| च | च | pos=i |
| शिरो | शिरस् | pos=n,g=n,c=2,n=s |
| महत् | महत् | pos=a,g=n,c=2,n=s |