रामायणम् — 3.14.3
Original
Segmented
सर्वतः चार्यताम् दृष्टिः कानने निपुणो ह्य् असि आश्रमः कतरस्मिन् नो देशे भवति संमतः
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
सर्वतः | सर्वतस् | pos=i |
चार्यताम् | चारय् | pos=v,p=3,n=s,l=lot |
दृष्टिः | दृष्टि | pos=n,g=f,c=1,n=s |
कानने | कानन | pos=n,g=n,c=7,n=s |
निपुणो | निपुण | pos=a,g=m,c=1,n=s |
ह्य् | हि | pos=i |
असि | अस् | pos=v,p=2,n=s,l=lat |
आश्रमः | आश्रम | pos=n,g=m,c=1,n=s |
कतरस्मिन् | कतर | pos=n,g=m,c=7,n=s |
नो | मद् | pos=n,g=,c=6,n=p |
देशे | देश | pos=n,g=m,c=7,n=s |
भवति | भू | pos=v,p=3,n=s,l=lat |
संमतः | सम्मन् | pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part |