रामायणम् — 3.12.11
Original
Segmented
किम् तु व्यादिश मे देशम् स उदकम् बहु-काननम् यत्र आश्रम-पदम् कृत्वा वसेयम् निरतः सुखम्
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| किम् | किम् | pos=i |
| तु | तु | pos=i |
| व्यादिश | व्यादिश् | pos=v,p=2,n=s,l=lot |
| मे | मद् | pos=n,g=,c=4,n=s |
| देशम् | देश | pos=n,g=m,c=2,n=s |
| स | स | pos=i |
| उदकम् | उदक | pos=n,g=m,c=2,n=s |
| बहु | बहु | pos=a,comp=y |
| काननम् | कानन | pos=n,g=m,c=2,n=s |
| यत्र | यत्र | pos=i |
| आश्रम | आश्रम | pos=n,comp=y |
| पदम् | पद | pos=n,g=m,c=2,n=s |
| कृत्वा | कृ | pos=vi |
| वसेयम् | वस् | pos=v,p=1,n=s,l=vidhilin |
| निरतः | निरम् | pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part |
| सुखम् | सुखम् | pos=i |