रामायणम् — 3.10.45
Original
Segmented
एतद् एव आश्रम-पदम् नूनम् तस्य महात्मनः अगस्त्यस्य मुनेः भ्रातुः दृश्यते पुण्य-कर्मणः
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| एतद् | एतद् | pos=n,g=n,c=1,n=s |
| एव | एव | pos=i |
| आश्रम | आश्रम | pos=n,comp=y |
| पदम् | पद | pos=n,g=n,c=1,n=s |
| नूनम् | नूनम् | pos=i |
| तस्य | तद् | pos=n,g=m,c=6,n=s |
| महात्मनः | महात्मन् | pos=a,g=m,c=6,n=s |
| अगस्त्यस्य | अगस्त्य | pos=n,g=m,c=6,n=s |
| मुनेः | मुनि | pos=n,g=m,c=6,n=s |
| भ्रातुः | भ्रातृ | pos=n,g=m,c=6,n=s |
| दृश्यते | दृश् | pos=v,p=3,n=s,l=lat |
| पुण्य | पुण्य | pos=a,comp=y |
| कर्मणः | कर्मन् | pos=n,g=m,c=6,n=s |