रामायणम् — 2.9.17
Original
Segmented
दयिता त्वम् सदा भर्तुः अत्र मे न अस्ति संशयः त्वद्-कृते च महा-राजः विशेद् अपि हुताशनम्
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
दयिता | दयित | pos=a,g=f,c=1,n=s |
त्वम् | त्वद् | pos=n,g=,c=1,n=s |
सदा | सदा | pos=i |
भर्तुः | भर्तृ | pos=n,g=m,c=6,n=s |
अत्र | अत्र | pos=i |
मे | मद् | pos=n,g=,c=6,n=s |
न | न | pos=i |
अस्ति | अस् | pos=v,p=3,n=s,l=lat |
संशयः | संशय | pos=n,g=m,c=1,n=s |
त्वद् | त्वद् | pos=n,comp=y |
कृते | कृत | pos=n,g=n,c=7,n=s |
च | च | pos=i |
महा | महत् | pos=a,comp=y |
राजः | राज | pos=n,g=m,c=1,n=s |
विशेद् | विश् | pos=v,p=3,n=s,l=vidhilin |
अपि | अपि | pos=i |
हुताशनम् | हुताशन | pos=n,g=m,c=2,n=s |