Original

सितमेघनिभं चापि राजवेश्म सुतोरणम् ।शुक्लमाल्यकृताकारं दिव्यगन्धसमुक्षितम् ॥ ३० ॥

Segmented

सित-मेघ-निभम् च अपि राज-वेश्म सु तोरणम् शुक्ल-माल्य-कृत-आकारम् दिव्य-गन्ध-समुक्षितम्

Analysis

Word Lemma Parse
सित सित pos=a,comp=y
मेघ मेघ pos=n,comp=y
निभम् निभ pos=a,g=n,c=1,n=s
pos=i
अपि अपि pos=i
राज राजन् pos=n,comp=y
वेश्म वेश्मन् pos=n,g=n,c=1,n=s
सु सु pos=i
तोरणम् तोरण pos=n,g=n,c=1,n=s
शुक्ल शुक्ल pos=a,comp=y
माल्य माल्य pos=n,comp=y
कृत कृ pos=va,comp=y,f=part
आकारम् आकार pos=n,g=n,c=1,n=s
दिव्य दिव्य pos=a,comp=y
गन्ध गन्ध pos=n,comp=y
समुक्षितम् समुक्ष् pos=va,g=n,c=1,n=s,f=part