रामायणम् — 2.61.21
Original
Segmented
न अराजके जनपदे स्वकम् भवति कस्यचित् मत्स्या इव नरा नित्यम् भक्षयन्ति परस्परम्
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| न | न | pos=i |
| अराजके | अराजक | pos=a,g=m,c=7,n=s |
| जनपदे | जनपद | pos=n,g=m,c=7,n=s |
| स्वकम् | स्वक | pos=n,g=n,c=1,n=s |
| भवति | भू | pos=v,p=3,n=s,l=lat |
| कस्यचित् | कश्चित् | pos=n,g=m,c=6,n=s |
| मत्स्या | मत्स्य | pos=n,g=m,c=1,n=p |
| इव | इव | pos=i |
| नरा | नर | pos=n,g=m,c=1,n=p |
| नित्यम् | नित्यम् | pos=i |
| भक्षयन्ति | भक्षय् | pos=v,p=3,n=p,l=lat |
| परस्परम् | परस्पर | pos=n,g=m,c=2,n=s |