रामायणम् — 2.33.6
Original
Segmented
अथ चीराणि कैकेयी स्वयम् आहृत्य राघवम् उवाच परिधत्स्व इति जन-ओघे निरपत्रपा
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| अथ | अथ | pos=i |
| चीराणि | चीर | pos=n,g=n,c=2,n=p |
| कैकेयी | कैकेयी | pos=n,g=f,c=1,n=s |
| स्वयम् | स्वयम् | pos=i |
| आहृत्य | आहृ | pos=vi |
| राघवम् | राघव | pos=n,g=m,c=2,n=s |
| उवाच | वच् | pos=v,p=3,n=s,l=lit |
| परिधत्स्व | परिधा | pos=v,p=2,n=s,l=lot |
| इति | इति | pos=i |
| जन | जन | pos=n,comp=y |
| ओघे | ओघ | pos=n,g=m,c=7,n=s |
| निरपत्रपा | निरपत्रप | pos=a,g=f,c=1,n=s |