रामायणम् — 2.22.10
Original
Segmented
स्वस्ति ते ऽस्त्व् आन्तरिक्षेभ्यः पार्थिवेभ्यः पुनः पुनः सर्वेभ्यः च एव देवेभ्यो ये च ते परिपन्थिनः
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| स्वस्ति | स्वस्ति | pos=n,g=n,c=1,n=s |
| ते | त्वद् | pos=n,g=,c=4,n=s |
| ऽस्त्व् | अस् | pos=v,p=3,n=s,l=lot |
| आन्तरिक्षेभ्यः | आन्तरिक्ष | pos=a,g=n,c=5,n=p |
| पार्थिवेभ्यः | पार्थिव | pos=a,g=n,c=5,n=p |
| पुनः | पुनर् | pos=i |
| पुनः | पुनर् | pos=i |
| सर्वेभ्यः | सर्व | pos=n,g=m,c=5,n=p |
| च | च | pos=i |
| एव | एव | pos=i |
| देवेभ्यो | देव | pos=n,g=m,c=5,n=p |
| ये | यद् | pos=n,g=m,c=1,n=p |
| च | च | pos=i |
| ते | त्वद् | pos=n,g=,c=4,n=s |
| परिपन्थिनः | परिपन्थिन् | pos=a,g=m,c=1,n=p |