रामायणम् — 2.106.3
Original
Segmented
राहु-शत्रोः प्रियाम् पत्नीम् श्रिया प्रज्वल्-प्रभाम् ग्रहेण अभ्युत्थितेन एकाम् रोहिणीम् इव पीडिताम्
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| राहु | राहु | pos=n,comp=y |
| शत्रोः | शत्रु | pos=n,g=m,c=6,n=s |
| प्रियाम् | प्रिय | pos=a,g=f,c=2,n=s |
| पत्नीम् | पत्नी | pos=n,g=f,c=2,n=s |
| श्रिया | श्री | pos=n,g=f,c=3,n=s |
| प्रज्वल् | प्रज्वल् | pos=va,comp=y,f=part |
| प्रभाम् | प्रभा | pos=n,g=f,c=2,n=s |
| ग्रहेण | ग्रह | pos=n,g=m,c=3,n=s |
| अभ्युत्थितेन | अभ्युत्था | pos=va,g=m,c=3,n=s,f=part |
| एकाम् | एक | pos=n,g=f,c=2,n=s |
| रोहिणीम् | रोहिणी | pos=n,g=f,c=2,n=s |
| इव | इव | pos=i |
| पीडिताम् | पीडय् | pos=va,g=f,c=2,n=s,f=part |