Original

भद्रे हृदयमप्येतदनुमृश्योद्धरस्व मे ।एतत्समीक्ष्य कैकेयि ब्रूहि यत्साधु मन्यसे ॥ १८ ॥

Segmented

भद्रे हृदयम् अप्य् एतद् अनुमृश्य उद्धरस्व मे एतत् समीक्ष्य कैकेयि ब्रूहि यत् साधु मन्यसे

Analysis

Word Lemma Parse
भद्रे भद्र pos=a,g=f,c=8,n=s
हृदयम् हृदय pos=n,g=n,c=2,n=s
अप्य् अपि pos=i
एतद् एतद् pos=n,g=n,c=2,n=s
अनुमृश्य अनुमृश् pos=vi
उद्धरस्व उद्धृ pos=v,p=2,n=s,l=lot
मे मद् pos=n,g=,c=6,n=s
एतत् एतद् pos=n,g=n,c=2,n=s
समीक्ष्य समीक्ष् pos=vi
कैकेयि कैकेयी pos=n,g=f,c=8,n=s
ब्रूहि ब्रू pos=v,p=2,n=s,l=lot
यत् यद् pos=n,g=n,c=2,n=s
साधु साधु pos=a,g=n,c=2,n=s
मन्यसे मन् pos=v,p=2,n=s,l=lat