रामायणम् — 1.64.17
Original
Segmented
ब्रह्मर्षि-त्वम् न संदेहः सर्वम् सम्पत्स्यते तव इत्य् उक्त्वा देवताः च अपि सर्वा जग्मुः यथागतम्
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| ब्रह्मर्षि | ब्रह्मर्षि | pos=n,comp=y |
| त्वम् | त्व | pos=n,g=n,c=1,n=s |
| न | न | pos=i |
| संदेहः | संदेह | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| सर्वम् | सर्व | pos=n,g=n,c=1,n=s |
| सम्पत्स्यते | सम्पद् | pos=v,p=3,n=s,l=lrt |
| तव | त्वद् | pos=n,g=,c=6,n=s |
| इत्य् | इति | pos=i |
| उक्त्वा | वच् | pos=vi |
| देवताः | देवता | pos=n,g=f,c=1,n=p |
| च | च | pos=i |
| अपि | अपि | pos=i |
| सर्वा | सर्व | pos=n,g=f,c=1,n=p |
| जग्मुः | गम् | pos=v,p=3,n=p,l=lit |
| यथागतम् | यथागत | pos=a,g=m,c=2,n=s |