Original

समृद्धार्थो नरश्रेष्ठ स्वराज्यं प्रशशास ह ।प्रमुमोद च लोकस्तं नृपमासाद्य राघव ।नष्टशोकः समृद्धार्थो बभूव विगतज्वरः ॥ १८ ॥

Segmented

समृद्ध-अर्थः नर-श्रेष्ठ स्व-राज्यम् प्रशशास ह प्रमुमोद च लोकस् तम् नृपम् आसाद्य राघव नष्ट-शोकः समृद्ध-अर्थः बभूव विगत-ज्वरः

Analysis

Word Lemma Parse
समृद्ध समृध् pos=va,comp=y,f=part
अर्थः अर्थ pos=n,g=m,c=1,n=s
नर नर pos=n,comp=y
श्रेष्ठ श्रेष्ठ pos=a,g=m,c=8,n=s
स्व स्व pos=a,comp=y
राज्यम् राज्य pos=n,g=n,c=2,n=s
प्रशशास प्रशास् pos=v,p=3,n=s,l=lit
pos=i
प्रमुमोद प्रमुद् pos=v,p=3,n=s,l=lit
pos=i
लोकस् लोक pos=n,g=m,c=1,n=s
तम् तद् pos=n,g=m,c=2,n=s
नृपम् नृप pos=n,g=m,c=2,n=s
आसाद्य आसादय् pos=vi
राघव राघव pos=n,g=m,c=8,n=s
नष्ट नश् pos=va,comp=y,f=part
शोकः शोक pos=n,g=m,c=1,n=s
समृद्ध समृध् pos=va,comp=y,f=part
अर्थः अर्थ pos=n,g=m,c=1,n=s
बभूव भू pos=v,p=3,n=s,l=lit
विगत विगम् pos=va,comp=y,f=part
ज्वरः ज्वर pos=n,g=m,c=1,n=s