Original

सेयं रत्नसमाकीर्णा मही सवनपर्वता ।उपावृत्ता महाराज त्वामद्य निहतद्विषम् ॥ ४२ ॥

Segmented

सा इयम् रत्न-समाकीर्णा मही स वन-पर्वता उपावृत्ता महा-राज त्वाम् अद्य निहत-द्विषम्

Analysis

Word Lemma Parse
सा तद् pos=n,g=f,c=1,n=s
इयम् इदम् pos=n,g=f,c=1,n=s
रत्न रत्न pos=n,comp=y
समाकीर्णा समाकृ pos=va,g=f,c=1,n=s,f=part
मही मही pos=n,g=f,c=1,n=s
pos=i
वन वन pos=n,comp=y
पर्वता पर्वत pos=n,g=f,c=1,n=s
उपावृत्ता उपावृत् pos=va,g=f,c=1,n=s,f=part
महा महत् pos=a,comp=y
राज राज pos=n,g=m,c=8,n=s
त्वाम् त्वद् pos=n,g=,c=2,n=s
अद्य अद्य pos=i
निहत निहन् pos=va,comp=y,f=part
द्विषम् द्विष् pos=a,g=m,c=2,n=s