Original

संजय उवाच ।धर्मच्छलमपि श्रुत्वा केशवात्स विशां पते ।नैव प्रीतमना रामो वचनं प्राह संसदि ॥ २२ ॥

Segmented

संजय उवाच धर्म-छलम् अपि श्रुत्वा केशवात् स विशाम् पते न एव प्रीत-मनाः रामो वचनम् प्राह संसदि

Analysis

Word Lemma Parse
संजय संजय pos=n,g=m,c=1,n=s
उवाच वच् pos=v,p=3,n=s,l=lit
धर्म धर्म pos=n,comp=y
छलम् छल pos=n,g=m,c=2,n=s
अपि अपि pos=i
श्रुत्वा श्रु pos=vi
केशवात् केशव pos=n,g=m,c=5,n=s
तद् pos=n,g=m,c=1,n=s
विशाम् विश् pos=n,g=f,c=6,n=p
पते पति pos=n,g=m,c=8,n=s
pos=i
एव एव pos=i
प्रीत प्री pos=va,comp=y,f=part
मनाः मनस् pos=n,g=m,c=1,n=s
रामो राम pos=n,g=m,c=1,n=s
वचनम् वचन pos=n,g=n,c=2,n=s
प्राह प्राह् pos=v,p=3,n=s,l=lit
संसदि संसद् pos=n,g=f,c=7,n=s