Original

नैष शक्तो रणे जेतुं मन्दात्मा मां सुयोधनः ।अद्य क्रोधं विमोक्ष्यामि निगूढं हृदये चिरम् ।सुयोधने कौरवेन्द्रे खाण्डवे पावको यथा ॥ १६ ॥

Segmented

न एष शक्तो रणे जेतुम् मन्द-आत्मा माम् सुयोधनः अद्य क्रोधम् विमोक्ष्यामि निगूढम् हृदये चिरम् सुयोधने कौरव-इन्द्रे खाण्डवे पावको यथा

Analysis

Word Lemma Parse
pos=i
एष एतद् pos=n,g=m,c=1,n=s
शक्तो शक् pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part
रणे रण pos=n,g=m,c=7,n=s
जेतुम् जि pos=vi
मन्द मन्द pos=a,comp=y
आत्मा आत्मन् pos=n,g=m,c=1,n=s
माम् मद् pos=n,g=,c=2,n=s
सुयोधनः सुयोधन pos=n,g=m,c=1,n=s
अद्य अद्य pos=i
क्रोधम् क्रोध pos=n,g=m,c=2,n=s
विमोक्ष्यामि विमुच् pos=v,p=1,n=s,l=lrt
निगूढम् निगुह् pos=va,g=m,c=2,n=s,f=part
हृदये हृदय pos=n,g=n,c=7,n=s
चिरम् चिरम् pos=i
सुयोधने सुयोधन pos=n,g=m,c=7,n=s
कौरव कौरव pos=n,comp=y
इन्द्रे इन्द्र pos=n,g=m,c=7,n=s
खाण्डवे खाण्डव pos=n,g=m,c=7,n=s
पावको पावक pos=n,g=m,c=1,n=s
यथा यथा pos=i