महाभारतम् — 9.54.1
Original
Segmented
वैशंपायन उवाच एवम् तद् अभवद् युद्धम् तुमुलम् जनमेजय यत्र दुःख-अन्वितः राजा धृतराष्ट्रो ऽब्रवीद् इदम्
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
वैशंपायन | वैशम्पायन | pos=n,g=m,c=1,n=s |
उवाच | वच् | pos=v,p=3,n=s,l=lit |
एवम् | एवम् | pos=i |
तद् | तद् | pos=n,g=n,c=1,n=s |
अभवद् | भू | pos=v,p=3,n=s,l=lan |
युद्धम् | युद्ध | pos=n,g=n,c=1,n=s |
तुमुलम् | तुमुल | pos=a,g=n,c=1,n=s |
जनमेजय | जनमेजय | pos=n,g=m,c=8,n=s |
यत्र | यत्र | pos=i |
दुःख | दुःख | pos=n,comp=y |
अन्वितः | अन्वित | pos=a,g=m,c=1,n=s |
राजा | राजन् | pos=n,g=m,c=1,n=s |
धृतराष्ट्रो | धृतराष्ट्र | pos=n,g=m,c=1,n=s |
ऽब्रवीद् | ब्रू | pos=v,p=3,n=s,l=lan |
इदम् | इदम् | pos=n,g=n,c=2,n=s |