Original

वैशंपायन उवाच ।एवं तदभवद्युद्धं तुमुलं जनमेजय ।यत्र दुःखान्वितो राजा धृतराष्ट्रोऽब्रवीदिदम् ॥ १ ॥

Segmented

वैशंपायन उवाच एवम् तद् अभवद् युद्धम् तुमुलम् जनमेजय यत्र दुःख-अन्वितः राजा धृतराष्ट्रो ऽब्रवीद् इदम्

Analysis

Word Lemma Parse
वैशंपायन वैशम्पायन pos=n,g=m,c=1,n=s
उवाच वच् pos=v,p=3,n=s,l=lit
एवम् एवम् pos=i
तद् तद् pos=n,g=n,c=1,n=s
अभवद् भू pos=v,p=3,n=s,l=lan
युद्धम् युद्ध pos=n,g=n,c=1,n=s
तुमुलम् तुमुल pos=a,g=n,c=1,n=s
जनमेजय जनमेजय pos=n,g=m,c=8,n=s
यत्र यत्र pos=i
दुःख दुःख pos=n,comp=y
अन्वितः अन्वित pos=a,g=m,c=1,n=s
राजा राजन् pos=n,g=m,c=1,n=s
धृतराष्ट्रो धृतराष्ट्र pos=n,g=m,c=1,n=s
ऽब्रवीद् ब्रू pos=v,p=3,n=s,l=lan
इदम् इदम् pos=n,g=n,c=2,n=s