महाभारतम् — 9.40.21
Original
Segmented
प्रसादये त्वा भगवन्न् अपराधम् क्षमस्व मे मम दीनस्य लुब्धस्य मौर्ख्येण हतचेतसः त्वम् गतिः त्वम् च मे नाथः प्रसादम् कर्तुम् अर्हसि
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
प्रसादये | प्रसादय् | pos=v,p=1,n=s,l=lat |
त्वा | त्वद् | pos=n,g=,c=2,n=s |
भगवन्न् | भगवत् | pos=a,g=m,c=8,n=s |
अपराधम् | अपराध | pos=n,g=m,c=2,n=s |
क्षमस्व | क्षम् | pos=v,p=2,n=s,l=lot |
मे | मद् | pos=n,g=,c=6,n=s |
मम | मद् | pos=n,g=,c=6,n=s |
दीनस्य | दीन | pos=a,g=m,c=6,n=s |
लुब्धस्य | लुभ् | pos=va,g=m,c=6,n=s,f=part |
मौर्ख्येण | मौर्ख्य | pos=n,g=n,c=3,n=s |
हतचेतसः | हतचेतस् | pos=a,g=m,c=6,n=s |
त्वम् | त्वद् | pos=n,g=,c=1,n=s |
गतिः | गति | pos=n,g=f,c=1,n=s |
त्वम् | त्वद् | pos=n,g=,c=1,n=s |
च | च | pos=i |
मे | मद् | pos=n,g=,c=6,n=s |
नाथः | नाथ | pos=n,g=m,c=1,n=s |
प्रसादम् | प्रसाद | pos=n,g=m,c=2,n=s |
कर्तुम् | कृ | pos=vi |
अर्हसि | अर्ह् | pos=v,p=2,n=s,l=lat |