Original

अमावास्यां महाराज नित्यशः शशलक्षणः ।स्नात्वा ह्याप्यायते श्रीमान्प्रभासे तीर्थ उत्तमे ॥ ७६ ॥

Segmented

अमावास्याम् महा-राज नित्यशः शशलक्षणः स्नात्वा हि आप्यायते श्रीमान् प्रभासे तीर्थ उत्तमे

Analysis

Word Lemma Parse
अमावास्याम् अमावासी pos=n,g=f,c=7,n=s
महा महत् pos=a,comp=y
राज राज pos=n,g=m,c=8,n=s
नित्यशः नित्यशस् pos=i
शशलक्षणः शशलक्षण pos=n,g=m,c=1,n=s
स्नात्वा स्ना pos=vi
हि हि pos=i
आप्यायते आप्या pos=v,p=3,n=s,l=lat
श्रीमान् श्रीमत् pos=a,g=m,c=1,n=s
प्रभासे प्रभास pos=n,g=m,c=7,n=s
तीर्थ तीर्थ pos=n,g=n,c=7,n=s
उत्तमे उत्तम pos=a,g=n,c=7,n=s