महाभारतम् — 9.34.67
Original
Segmented
समम् वर्ततु सर्वासु शशी भार्यासु नित्यशः सरस्वत्या वरे तीर्थे उन्मज्जञ् शशलक्षणः पुनः वर्धिष्यते देवाः तत् वै सत्यम् वचो मम
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| समम् | सम | pos=n,g=n,c=2,n=s |
| वर्ततु | वृत् | pos=v,p=3,n=s,l=lot |
| सर्वासु | सर्व | pos=n,g=f,c=7,n=p |
| शशी | शशिन् | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| भार्यासु | भार्या | pos=n,g=f,c=7,n=p |
| नित्यशः | नित्यशस् | pos=i |
| सरस्वत्या | सरस्वती | pos=n,g=f,c=6,n=s |
| वरे | वर | pos=a,g=n,c=7,n=s |
| तीर्थे | तीर्थ | pos=n,g=n,c=7,n=s |
| उन्मज्जञ् | उन्मज्ज् | pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part |
| शशलक्षणः | शशलक्षण | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| पुनः | पुनर् | pos=i |
| वर्धिष्यते | वृध् | pos=v,p=3,n=s,l=lrt |
| देवाः | देव | pos=n,g=m,c=8,n=p |
| तत् | तद् | pos=n,g=n,c=1,n=s |
| वै | वै | pos=i |
| सत्यम् | सत्य | pos=a,g=n,c=1,n=s |
| वचो | वचस् | pos=n,g=n,c=1,n=s |
| मम | मद् | pos=n,g=,c=6,n=s |