महाभारतम् — 9.34.5
Original
Segmented
वैशंपायन उवाच उपप्लव्ये निविष्टेषु पाण्डवेषु महात्मसु प्रेषितो धृतराष्ट्रस्य समीपम् मधुसूदनः शमम् प्रति महा-बाहो हित-अर्थम् सर्व-देहिनाम्
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
वैशंपायन | वैशम्पायन | pos=n,g=m,c=1,n=s |
उवाच | वच् | pos=v,p=3,n=s,l=lit |
उपप्लव्ये | उपप्लव्य | pos=n,g=n,c=7,n=s |
निविष्टेषु | निविश् | pos=va,g=m,c=7,n=p,f=part |
पाण्डवेषु | पाण्डव | pos=n,g=m,c=7,n=p |
महात्मसु | महात्मन् | pos=a,g=m,c=7,n=p |
प्रेषितो | प्रेषय् | pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part |
धृतराष्ट्रस्य | धृतराष्ट्र | pos=n,g=m,c=6,n=s |
समीपम् | समीप | pos=n,g=n,c=2,n=s |
मधुसूदनः | मधुसूदन | pos=n,g=m,c=1,n=s |
शमम् | शम | pos=n,g=m,c=2,n=s |
प्रति | प्रति | pos=i |
महा | महत् | pos=a,comp=y |
बाहो | बाहु | pos=n,g=m,c=8,n=s |
हित | हित | pos=n,comp=y |
अर्थम् | अर्थ | pos=n,g=m,c=2,n=s |
सर्व | सर्व | pos=n,comp=y |
देहिनाम् | देहिन् | pos=n,g=m,c=6,n=p |