महाभारतम् — 9.32.31
Original
Segmented
शल्यम् अद्य उद्धरिष्यामि तव पाण्डव हृद्-शयम् निहत्य गदया पापम् अद्य राजन् सुखी भव
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
शल्यम् | शल्य | pos=n,g=m,c=2,n=s |
अद्य | अद्य | pos=i |
उद्धरिष्यामि | उद्धृ | pos=v,p=1,n=s,l=lrt |
तव | त्वद् | pos=n,g=,c=6,n=s |
पाण्डव | पाण्डव | pos=n,g=m,c=8,n=s |
हृद् | हृद् | pos=n,comp=y |
शयम् | शय | pos=a,g=m,c=2,n=s |
निहत्य | निहन् | pos=vi |
गदया | गदा | pos=n,g=f,c=3,n=s |
पापम् | पाप | pos=a,g=m,c=2,n=s |
अद्य | अद्य | pos=i |
राजन् | राजन् | pos=n,g=m,c=8,n=s |
सुखी | सुखिन् | pos=a,g=m,c=1,n=s |
भव | भू | pos=v,p=2,n=s,l=lot |