Original

नान्यदत्र परं मन्ये वनवासादृते प्रभो ।सोऽहं वनं गमिष्यामि निर्बन्धुर्ज्ञातिसंक्षये ॥ ४३ ॥

Segmented

न अन्यत् अत्र परम् मन्ये वन-वासात् ऋते प्रभो सो ऽहम् वनम् गमिष्यामि निर्बन्धुः ज्ञाति-संक्षये

Analysis

Word Lemma Parse
pos=i
अन्यत् अन्य pos=n,g=n,c=2,n=s
अत्र अत्र pos=i
परम् पर pos=n,g=n,c=2,n=s
मन्ये मन् pos=v,p=1,n=s,l=lat
वन वन pos=n,comp=y
वासात् वास pos=n,g=m,c=5,n=s
ऋते ऋते pos=i
प्रभो प्रभु pos=a,g=m,c=8,n=s
सो तद् pos=n,g=m,c=1,n=s
ऽहम् मद् pos=n,g=,c=1,n=s
वनम् वन pos=n,g=n,c=2,n=s
गमिष्यामि गम् pos=v,p=1,n=s,l=lrt
निर्बन्धुः निर्बन्धु pos=a,g=m,c=1,n=s
ज्ञाति ज्ञाति pos=n,comp=y
संक्षये संक्षय pos=n,g=m,c=7,n=s