महाभारतम् — 8.68.51
Original
Segmented
शशि-प्रकाश-आननम् अर्जुनो यदा क्षुरेण कर्णस्य शिरो न्यपातयत् अथ अन्तरिक्षे दिवि च इह च असकृत् बभूव हाहा इति जनस्य निस्वनः
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| शशि | शशिन् | pos=n,comp=y |
| प्रकाश | प्रकाश | pos=n,comp=y |
| आननम् | आनन | pos=n,g=n,c=2,n=s |
| अर्जुनो | अर्जुन | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| यदा | यदा | pos=i |
| क्षुरेण | क्षुर | pos=n,g=m,c=3,n=s |
| कर्णस्य | कर्ण | pos=n,g=m,c=6,n=s |
| शिरो | शिरस् | pos=n,g=n,c=2,n=s |
| न्यपातयत् | निपातय् | pos=v,p=3,n=s,l=lan |
| अथ | अथ | pos=i |
| अन्तरिक्षे | अन्तरिक्ष | pos=n,g=n,c=7,n=s |
| दिवि | दिव् | pos=n,g=,c=7,n=s |
| च | च | pos=i |
| इह | इह | pos=i |
| च | च | pos=i |
| असकृत् | असकृत् | pos=i |
| बभूव | भू | pos=v,p=3,n=s,l=lit |
| हाहा | हाहा | pos=n,g=f,c=1,n=s |
| इति | इति | pos=i |
| जनस्य | जन | pos=n,g=m,c=6,n=s |
| निस्वनः | निस्वन | pos=n,g=m,c=1,n=s |