Original

किरातरूपी भगवान्यया च त्वया महत्या परितोषितोऽभूत् ।तां त्वं धृतिं वीर पुनर्गृहीत्वा सहानुबन्धं जहि सूतपुत्रम् ॥ २० ॥

Segmented

किरात-रूपी भगवान् यया च त्वया महत्या परितोषितो ऽभूत् ताम् त्वम् धृतिम् वीर पुनः गृहीत्वा सह अनुबन्धम् जहि सूतपुत्रम्

Analysis

Word Lemma Parse
किरात किरात pos=n,comp=y
रूपी रूपिन् pos=a,g=m,c=1,n=s
भगवान् भगवन्त् pos=n,g=m,c=1,n=s
यया यद् pos=n,g=f,c=3,n=s
pos=i
त्वया त्वद् pos=n,g=,c=3,n=s
महत्या महत् pos=a,g=f,c=3,n=s
परितोषितो परितोषय् pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part
ऽभूत् भू pos=v,p=3,n=s,l=lun
ताम् तद् pos=n,g=f,c=2,n=s
त्वम् त्वद् pos=n,g=,c=1,n=s
धृतिम् धृति pos=n,g=f,c=2,n=s
वीर वीर pos=n,g=m,c=8,n=s
पुनः पुनर् pos=i
गृहीत्वा ग्रह् pos=vi
सह सह pos=i
अनुबन्धम् अनुबन्ध pos=n,g=m,c=2,n=s
जहि हा pos=v,p=2,n=s,l=lot
सूतपुत्रम् सूतपुत्र pos=n,g=m,c=2,n=s